इस ब्लॉग में आप किशोर कुमार की जीवनी(Kishore Kumar Biography In Hindi) और अन्य विवरण हिंदी में पढ़ेंगे।
भारत के सबसे मशहूर पार्श्व गायकों में से एक किशोर कुमार ने भारतीय संगीत उद्योग पर अपनी छाप छोड़ी। किशोर कुमार की आवाज़ बहुत लचीली थी, जो गहरे गानों से लेकर ऊर्जावान गानों तक, हर तरह की भावनाओं और मूड को आकर्षित करती थी। लेकिन उनकी प्रतिभा यहीं खत्म नहीं हुई।
वह एक जाने-माने अभिनेता, संगीतकार और फिल्म निर्माता भी थे, जिसने उन्हें भारतीय मनोरंजन की दुनिया में एक जीवित किंवदंती बना दिया।
उनके संगीत के कई प्रशंसक मोहित हैं, लेकिन उनकी ज़िंदगी की कहानी भी उतनी ही दिलचस्प है। आइए किशोर कुमार के जीवन में उतरें और माइक्रोफोन के पीछे के व्यक्ति को जानें।
Table of Contents
किशोर कुमार जीवन परिचय | Kishore Kumar Jivan Parichay
क्षेत्र | विवरण |
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पूरा नाम | आभास कुमार गांगुली |
जन्म तिथि | 4 अगस्त, 1929 |
जन्म स्थान | खंडवा, मध्य प्रांत, ब्रिटिश भारत (अब मध्य प्रदेश) |
मृत्यु तिथि | 13 अक्टूबर, 1987 |
पेशा | पार्श्व गायक, अभिनेता, संगीतकार, निर्देशक |
जीवनसाथी | रूमा गुहा ठाकुरता (मृत्यु 1950, मृत्यु 1958), मधुबाला (मृत्यु 1960; मृत्यु 1969), योगिता बाली (मृत्यु 1975; मृत्यु 1978), लीना चंदावरकर (मृत्यु 1980) |
किशोर कुमार की जीवनी | Kishore Kumar Biography In Hindi
4 अगस्त, 1929 को खंडवा में आभास कुमार गांगुली के रूप में जन्मे किशोर कुमार एक ऐसे परिवार में पले-बढ़े, जो शिक्षा को महत्व देता था, लेकिन मनोरंजन उद्योग से उनका कोई संबंध नहीं था। उनके परिवार को उम्मीद नहीं थी कि वे संगीत में अपना करियर बनाएंगे, लेकिन उनकी प्रतिभा कम उम्र से ही स्पष्ट थी।
किशोर के बड़े भाई अशोक कुमार पहले से ही बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता थे, जिससे किशोर को फिल्म उद्योग में प्रवेश का मौका मिला। किशोर कुमार पार्श्व गायक बनने के इरादे से मुंबई चले गए।
अभिनय की कोई शिक्षा न मिलने के बावजूद उन्होंने फिल्मों में अभिनेता के रूप में अपना करियर शुरू किया। उनकी स्वाभाविक हास्य भावना और विशिष्ट शैली ने उन्हें फिल्म उद्योग में तेजी से लोकप्रिय बना दिया।
हालांकि अभिनय ने उन्हें ध्यान आकर्षित किया, लेकिन गायन उनका असली जुनून बना रहा और यह उनकी आवाज ही थी जिसने उन्हें लंबे समय तक प्रशंसा दिलाई।
1950 और 1960 के दशक में उनका गायन करियर आसमान छू गया। किशोर कुमार ने अपने समय के कुछ बेहतरीन संगीत निर्देशकों के साथ काम किया, जिनमें एस.डी. बर्मन, आर.डी. बर्मन और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल शामिल थे।
उनकी आवाज़ कई तरह के कलाकारों और भूमिकाओं के लिए उपयुक्त थी, लेकिन राजेश खन्ना के लिए उनके प्रदर्शन विशेष रूप से यादगार थे, जिसने हिंदी फिल्म संगीत के स्वर्ण युग की शुरुआत की।
परिवार | Kishore Kumar Family
किशोर कुमार का जन्म एक बंगाली परिवार में हुआ था। उनके पिता कुंजलाल गांगुली एक वकील थे, जबकि उनकी माँ गौरी देवी एक गृहिणी थीं।
उनके तीन भाई-बहन हैं: अशोक कुमार, एक प्रसिद्ध अभिनेता, अनूप कुमार, जिन्होंने सिनेमा में भी काम किया, और सती देवी। गांगुली परिवार एक दूसरे से बहुत जुड़ा हुआ था, और किशोर जीवन भर अपनी जड़ों से जुड़े रहे।
निजी जीवन के संदर्भ में, किशोर कुमार की शादी काफी नाटकीय रही। उन्होंने चार बार शादी की। उनकी पहली पत्नी गायिका और अभिनेत्री रूमा गुहा ठाकुरता थीं, जिनसे उन्होंने 1950 में शादी की।
1958 में तलाक में विवाह समाप्त हो गया। उनकी दूसरी शादी 1960 में महान अभिनेत्री मधुबाला से हुई, लेकिन 1969 में उनकी अप्रत्याशित मृत्यु के बाद उनका प्यार खत्म हो गया। बाद में उन्होंने 1975 में योगिता बाली से शादी की, लेकिन विवाह तलाक में समाप्त हो गया।
अंत में, उन्होंने 1980 में अभिनेत्री लीना चंदावरकर से विवाह किया, और 1987 में अपनी मृत्यु तक वे उनके साथ रहे।
किशोर के दो बेटे थे: रुमा से उनकी पहली शादी से अमित कुमार और लीना चंदावरकर से उनकी शादी से सुमित कुमार। उनके दोनों बच्चों ने अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए गायन और अभिनय में अपना करियर बनाया।
शैक्षिक विवरण | Education Details
किशोर कुमार का प्रारंभिक जीवन उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि के इर्द-गिर्द नहीं घूमता था। वे अपने गृहनगर खंडवा में स्कूल गए, लेकिन उन्हें शिक्षा में बहुत रुचि नहीं थी।
संगीत और मनोरंजन में उनकी स्वाभाविक रुचि ने औपचारिक अध्ययन को प्राथमिकता दी। आमतौर पर माना जाता है कि किशोर कुमार ने अपने जीवन में अपने बड़े भाई अशोक कुमार के मार्गदर्शन में गायन सीखा।
करियर | Kishore Kumar Career
किशोर कुमार का करियर उल्लेखनीय रहा। हालाँकि उन्होंने एक अभिनेता के रूप में शुरुआत की, लेकिन एक पार्श्व गायक के रूप में उनकी प्रसिद्धि ने जल्द ही उनके अभिनय करियर को पीछे छोड़ दिया।
उन्होंने बतौर गायक फ़िल्म ज़िद्दी (1948) से अपनी शुरुआत की, लेकिन 1950 और 1960 के दशक तक उनका करियर पूरी तरह से नहीं चल पाया, जिसका श्रेय एस.डी. बर्मन जैसे महान संगीतकारों के साथ साझेदारी को जाता है।
“रूप तेरा मस्ताना”, “मेरे सपनों की रानी” और “पल पल दिल के पास” जैसे गाने उनकी सदाबहार हिट फ़िल्मों में से हैं। उनकी आवाज़ राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन सहित बॉलीवुड के कुछ सबसे बड़े अभिनेताओं के साथ जुड़ गई।
पार्श्व गायन के अलावा, किशोर कुमार ने फ़िल्म निर्देशन और संगीत निर्माण में भी हाथ आजमाया।
उन्होंने दूर गगन की छांव में (1964) और चलती का नाम गाड़ी (1958) जैसी फ़िल्मों का निर्देशन किया, जो समय के साथ पंथ की पसंदीदा फ़िल्म बन गईं।
किशोर संगीत और जीवन दोनों के प्रति अपने असामान्य दृष्टिकोण के लिए जाने जाते थे। वे अलग-अलग कलाकारों और संगीत शैलियों के हिसाब से अपनी आवाज़ को समायोजित करने में माहिर थे। किशोर कुमार प्रेम गीत, दुख भरी धुनें और मस्ती भरे गीत गा सकते हैं।
1987 में उनकी मृत्यु के कई साल बाद भी उनकी आवाज़ आज भी सराही जाती है। भारतीय संगीत और फिल्मों में उनका योगदान बेजोड़ है और उनके गाने आज भी सभी उम्र के संगीत प्रेमियों को पसंद आते हैं।
Youtube Video on Kishore Kumar Biography In Hindi
Kishore Kumar Biography Summary
मनोरंजन उद्योग में किशोर कुमार का अनुभव उनकी अद्वितीय प्रतिभा और बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाता है। उनका जीवन और करियर नवोदित कलाकारों के लिए एक उदाहरण है, जो दर्शाता है कि जुनून और कड़ी मेहनत से ऐसी विरासत बन सकती है जो हमेशा बनी रहे।
किशोर कुमार की जीवनी(Kishore Kumar Biography In Hindi) के बारे में हमारा ब्लॉग पढ़ने के लिए धन्यवाद, आशा है कि आप हमारा ब्लॉग पढ़कर संतुष्ट होंगे।
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